Person

Sri Harindrananda Ji

Born on 31st October 1948, as elder son of Smt. Radha Devi and Sri Bishwanath Sinha (both gone to heavenly abode), in district Siwan of Bihar, Nature took the opportunity to welcome the beamish child with festival of lights, Dipawali His father late Bishwanath Sinha, retired from the post of Director of Education, Govt, Of Bihar and his younger brother retired as Chief Security Commissioner of an Indian Railway Zone, Dramatically Opposite, Sri Harindranandaa ji Besides studies, had deep inclination towards the occult world from very childhood.

31 अक्टूबर 1948, विक्रम संवत् 2005 कार्तिक कृष्ण पक्ष, चतुर्दशी को विश्वनाथ सिन्हा एवं राधा देवी (स्व. द्वय) के अमलोरी गाँव, जिला सिवान, बिहार, में प्रथम संतान के रूप में श्री हरीन्द्रानन्द जी का जन्म हुआ। सुबह जन्म हुआ, तिथि खंडित हुई और शाम में स्वतः पूरे देश में दीपावली मनायी गयी। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के निदेशक पद से अवकाश प्राप्त पिता हरीन्द्रानन्द जी के भविष्य को तराश कर अलग उंचाई देना चाहते थे, वहीं दूसरी ओर आप रहस्यमयी दुनिया की खोज में लगे रहे और परिणाम आया पारलौकिकता का दुर्गम पर्वतारोहण। समय के साथ तालमेल बनाते हुए आपने विधि में स्नातकोपरान्त वर्ष 1978 से बिहार प्रशासनिक सेवा में योगदान दिया। दिनभर राजकीय कार्य की व्यस्तता और अवकाश के क्षणों में अहर्निश शिव शिष्यता की अवधारणा के प्रसार में तल्लीनता। बिहार सरकार के संयुक्त सचिव पद से सेवा निवृत्ति के उपरांत नवम्बर 2008 के अंत से दिल की धड़कनों के साथ बस चल पड़ा महागुरू महादेव की शिष्यता का उद्घोष।